
गोरखपुर में BJP विधायक और पूर्व मंत्री वीर बहादुर सिंह के बेटे फतेह बहादुर सिंह का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एक्सीडेंट हो गया। वे कई गाड़ियों के काफिले से लखनऊ जा रहे थे। तभी उनके काफिले की कार अनियंत्रित होकर पलट गई। यह हादसा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सिकरीगंज इलाके के फरेनिया में हुई है इस हादसे में विधायक फतेह बहादुर सिंह समेत उनके चार सुरक्षा कर्मी घायल हो गए। हादसे के बाद घटना स्थल पर अफरातफरी मच गई। आनन फानन में घायलों को गोरखपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। विधायक फतेह बहादुर सिंह के बाएं हाथ में फ्रैक्चर आया है। फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनके अलावा उनके सुरक्षाकर्मियों का भी इसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। कौन हैं BJP विधायक फतेह बहादुर सिंह? फतेह बहादुर सिंह कैम्पियरगंज विधानसभा सीट से 7 बार के विधायक हैं। वे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरबहादुर सिंह के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र फतेह बहादुर सिंह अपनी पिता की परम्परागत सीट पनियरा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़े और गनपत सिंह से दो बार चुनाव हार गए। तीसरी बार विधायक बने और लगातार कुल चार बार पनियरा का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान वह प्रदेश की गठबंधन एवं भाजपा एवं 2007 में बसपा सरकार में वन मंत्री भी रहे, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 2012 का चुनाव आते आते कैबिनेट से न केवल बर्खास्त कर दिया, बल्कि पार्टी से भी निष्कासित कर दिया। कैम्पियरगंज से तीसरी बार बने हैं विधायक नए परिसीमन के बाद साल 2012 में कैंपियरगंज विधानसभा बना। यहां फतेह बहादुर सिंह एनसीपी से चुनाव लड़े और तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी जीतने में कामयाब रहे। वहीं 2017 चुनाव में दल-बदल कर भाजपा से चुनाव लड़े और फिर जीते, लेकिन तमाम प्रयाश के बाद भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो सके। जिसका मलाल स्वयं फतेह बहादुर सिंह के साथ ही उनके हजारों समर्थको में भी रहा। हालांकि इस बार समर्थकों द्वारा शोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर जोरदार दबाव बनाने के प्रयास को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। समर्थकों के मुताबिक, सात बार के विधायक, पांच बार के मंत्री और प्रोटेम स्पीकर के साथ ही फेम इंडिया द्वारा देश के 50 सर्वश्रेष्ठ विधायकों में शामिल नेता को मंत्रिमण्डल में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए।