
कानपुर के स्वरूप नगर क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर शबलू को गोली मारकर घायल करने की घटना में एक बड़ा तथ्य सामने आया है। दरअसल शबलू और बिल्डर के बीच जिस जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। उस जमीन पर शातिर शाहिद पिच्चा की पहले से नजर थी। जमीन का एग्रीमेंट भी कराया गया था। हालांकि जब वो जमीन खाली नहीं हो पाई तो उसे खाली कराने का कांट्रेक्ट शबलू ने उठा लिया था। इस घटना में शबलू की मां का नाम शामिल करने पर शातिर अपराधियों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए पुलिस ने अपराधियों के बीच में अपना मुखबिर तंत्र एक्टिवेट कर दिया है। बीते सोमवार की देर रात हिस्ट्रीशीट शबलू को गोली मारी गई थी। इस मामले में शाहिद पठान के खास साथी युसूफ चटनी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। वहीं शाहिद पिच्चा के बहनोई और खास साथी को पुलिस ने बुधवार देर रात को एनकाउंटर करने के बाद पकड़ लिया। चमनगंज की जमीन बन बैठी दुश्मनी का कारण चमनगंज में एक जमीन इस पूरी घटना का कारण बनी। चमनगंज के एक बिल्डर और उसके तीन पार्टनरों ने इस जमीन का एग्रीमेंट कराया था मगर उसे खाली नहीं करा पा रहे थे। वजह थी शाहिद पिच्चा। शाहिद की नजर पहले से उस जमीन पर थी। जिसके लिए शाहिद ने बिल्डर पर दबाव बनाकर दूसरे बिल्डर को एग्रीमेंट कराने का प्रयास भी किया था। मगर इसी जमीन पर आरोपी फिरोज उर्फ भइया की नजर पड़ गई। उसने शबलू से बात की और शबलू ने जगह खाली कराने का ठेका ले लिया। मगर शबलू भी इस जमीन को खाली नहीं करा पाया क्योंकि शाहिद पिच्चा की नजर जमीन पर थी। शाहिद रास्ते से हटा तो शबलू बना टारगेट इलाके के सूत्र बताते हैं कि शाहिद को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो बिल्डरों का एक वर्ग काफी खुश हुआ। इसके बाद शबलू टारगेट पर आ गया था। फिरोज उर्फ भइया ने शाहिद गिरोह के अन्य सदस्यों को सम्पर्क कर शबलू पर प्राण घातक हमला कर दिया। परिवार को बीच में नहीं लाना चाहिए था शबलू पर हमले की साजिश में शाहिद पिच्चा के अलावा उसकी मां को नामजद किया गया है। जिससे नई सड़क, चमनगंज, बेकनगंज आदि इलाकों में दोनों गिरोह के लोग सक्रिय हो गए हैं। वो लामबंद हो रहे हैं। इधर पुलिस को जानकारी मिलने के बाद अपराधिक इलाकों में मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर दिया गया।