
मेरठ नगर निगम ने हाउस टैक्स वसूली के लिए नई पहल की है। निगम के कर्मचारी अब घर-घर जाकर स्वकर निर्धारण फॉर्म बांटेंगे। इससे गृहस्वामी खुद अपनी प्रॉपर्टी का विवरण भर सकेंगे और उसी के अनुसार टैक्स जमा करा सकेंगे। मंगलवार को महापौर हरिकांत अहलूवालिया की मौजूदगी में नगर आयुक्त ने प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने बताया कि 2003-04 में किए गए सर्वे के बाद से टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जबकि इस दौरान कई प्रॉपर्टी में बदलाव हुए हैं। नगर आयुक्त ने बताया कि 2024-25 में 2.60 लाख प्रॉपर्टी ऐसी मिलीं, जिनका टैक्स बकाया था। निगम की कार्रवाई के बाद 1.44 लाख प्रॉपर्टी का टैक्स जमा हुआ। जीआईएस सर्वे के मुताबिक अभी भी 4.49 लाख प्रॉपर्टी पर कोई टैक्स नहीं लग रहा है। सर्वे में 70-75 हजार प्लॉट और करीब 29 हजार डुप्लीकेट प्रॉपर्टी की पहचान हुई है। इन्हें छोड़कर भी 3.50 लाख प्रॉपर्टी ऐसी हैं, जिनका टैक्स नहीं मिल रहा है। प्रेसवार्ता में अपर नगर आयुक्त लवी त्रिपाठी, पार्षद पवन चौधरी और पूर्व पार्षद अंशुल गुप्ता भी मौजूद थे। खुद अपना टैक्स करेंगे निर्धारितनगर आयुक्त ने बताया कि प्रोपर्टी मालिक अब खुद अपना टैक्स निर्धारित कर सकेंगे। इसके लिए प्रत्येक वार्ड में डोर टू डोर स्वकर निर्धारण के फार्म वितरित किए जाएंगे। इसमें क्षेत्र के पार्षद का सहयोग लिया जाएगा। फार्म में दिए गए कॉलम को किस तरह भरा जाना है, उसके डेमो की भी व्यवस्था रहेगी। अभी तक प्रत्येक शुक्रवार को गृहकर समाधान दिवस और चौपाल लगाकर हाउस टैक्स से जुड़ी खामियों को दूर किया जा रहा था। सम्मान भी करेगा नगर निगम समय पर टैक्स जमा करने वालों को नगर निगम सम्मानित करने की योजना भी बना रहा है। इसमें वार्ड के अनुसार टॉप 10 उपभोक्ताओं का विवरण तैयार होगा। नगर आयुक्त के निर्देशन में पार्षद समय पर टैक्स जमा करने व अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले नागरिकों को सम्मानित करेंगे। सार्वजनिक रूप से कार्यक्रम आयोजित कर उन लोगों को प्रेरित किया जाएगा जो टैक्स जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से बचने का काम करते आ रहे हैं।