
मुजफ्फरनगर के नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांव शेरनगर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। तीन वर्षीय अवि का शव 80 घंटे की खोज के बाद तालाब की झाड़ियों से बरामद किया गया है। 22 जून की सुबह बारिश के दौरान अवि अपने भाई के साथ नहा रहा था। इसी दौरान वह अचानक पानी में बह गया। ग्रामीणों और परिजनों ने उसे खोजने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस प्रशासन ने गोताखोरों की मदद ली। राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल और सपा सांसद हरेंद्र मलिक भी मौके पर पहुंचे। पीएसी मेरठ और नाविक टीम लगातार बच्चे की तलाश में जुटी रही। ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम भी लगाया। एनडीआरफ की टीम मंगलवार शाम को वापस लौट गई। बुधवार सुबह मीनाक्षी चौक से मछुआरों की टीम को तालाब में उतारा गया। शाम 6 बजे मछुआरों की टीम ने अवि का शव तालाब की झाड़ियों में फंसा हुआ पाया। परिजनों को सूचना दी गई। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। अवि के दादा ने बताया कि जिला प्रशासन, गांव के लोग और मछुआरा टीम लगातार खोज में जुटे थे। बच्चे का शव मिलने की सूचना पर मौके पर पहुंचा प्रशासनिक अमला
देर शाम 6:00 बजे जैसे ही बच्चे अवि का शव तालाब से बरामद हुआ। सूचना मिलने पर मुजफ्फरनगर जिला प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरी स्थिति का जायजा लिया। मुज़फ्फरनगर सदर तहसीलदार राधेश्याम गोड ने मौके पर पहुंचकर कर परिवार जनों से बात की मौके पर मौजूद नई मंडी कोतवाली प्रभारी दिनेश चंद बघेल पुलिस टीम के साथ मौजूद रहे। बच्चे के शव का पंचायतनामा भर पोस्टमॉर्टम हेतु भिजवा दिया। अवि का शव मिलते ही देखने उमड़े ग्रामीण मौके पर भारी भीड़
4 दिन से लापता बच्चे अवि का शव तालाब से देर शाम बरामद हुआ और सूचना गांव में आग की तरह फैल गई, तो हर कोई तालाब की तरफ दौड़ पड़ा। मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। हर किसी की आंख में आंसू थे। वहीं अवि की माता ज्योति व पिता राहुल का तो रो रो कर बुरा हाल था। अवि के बाबा सुरेंदर उर्फ प्रकाशा का तो मानो जैसे दुनिया ही खत्म सी हो गई। अब तो बस 3 वर्षीय पोते का शव देख बाबा के आशु रुकने का नाम नही ले रहे थे। देसी कुत्ता बार बार तालाब में दे रहा था इंडिकेशन
सुशील प्रजापति ने बताया- आज सुबह एक देसी कुत्ता बार बार तालाब में घुस कर झाड़ियों में सूंघ रहा था। जहां से अवि का शव देर शाम बरामद हुआ है। पूरे तालाब की सफाई के लिए पोकलेन मशीन लगी हुई थी। देर शाम को मशुवारों द्वारा वही झाड़ियों की सफाई की गई। जहां कुते द्वारा बार बार जाकर सूंघा जा रहा था। शायद उसको बच्चे की डेड बॉडी की दुर्गंध आ रही हो। वहीं झाड़ियों के नीचे बच्चे का शव फंसा हुआ था, जो अब बरामद हो गया है। वहीं सुशील कहते हैं कि नाला अगर खुला होता तो शायद बच्चा बच सकता था। 20 साल में पहली बार तालाब की सफाई हुई है अब ये बड़ी लापरवाही है। बच्चे के शव को ढूंढने वाले मछुवारे टीम के इरशाद ने बताया- इसमें हम 2 दिन से लगे हुए थे। यहां पर नाले की तरफ इधर की तरफ मिला है। बच्चा इससे पहले गांव वाले लग रहे थे। बहुत मेहनत की, सब ने वो नहीं मिला। आज फिर हम आ कर लगे। झाड़ियों के जुंड के नीचे बच्चा मिला है।