
रीवा के टीआरएस कॉलेज में अतिथि विद्वानों ने अतिरिक्त संचालक को ज्ञापन सौंपकर प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अकारण अवकाश पर भेजने के बाद उन्हें काम पर वापस नहीं बुलाया जा रहा है, जबकि उनकी जगह अपात्र लोगों को काम पर रखा गया है। इससे कॉलेज की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ठाकुर रणमत सिंह विश्वविद्यालय में जनभागीदारी अतिथि विद्वानों की संख्या 110 है। इनमें से 75 को 26 मई से 31 मई तक अवकाश पर भेजने के बाद 2 जून को काम पर बुला लिया गया। लेकिन 43 अतिथि विद्वानों को अब तक नहीं बुलाया गया है। पात्रों की जगह अपात्रों को मौका
इन 43 अतिथि विद्वानों ने आरोप लगाया कि वे कई वर्षों से सेवा दे रहे हैं और एमफिल व पीएचडी डिग्री धारक हैं। इसके बावजूद पीजी डिग्री धारकों को मौका दिया गया है। डॉ. सुधांशु ने आरोप लगाया, “कॉलेज प्रबंधन मनमानी और पक्षपात कर रहा है। अयोग्य शिक्षकों को भर्ती किया गया है।” छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ने पर प्राथमिकता दी जाएगी
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. आर.पी. सिंह ने कहा, “ब्रेक में गए अतिथि विद्वान वापसी की मांग कर रहे हैं। यह जनभागीदारी समिति के क्षेत्राधिकार में आता है। कॉलेज प्राचार्य से भी चर्चा हुई है। जैसे ही कॉलेज में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ेगी, ब्रेक में भेजे गए अतिथि विद्वानों को प्राथमिकता दी जाएगी।”