
गुना जिले के बमोरी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए सोडा गांव के निवासियों को एयरलिफ्ट करने का निर्णय लिया है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन आज किया जाएगा। अभी सोडा गांव में बाढ़ की स्थिति नहीं है, लेकिन पार्वती नदी के जलस्तर में वृद्धि की आशंका को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। नदी में पानी बढ़ने से गांव के चारों ओर से घिर जाने का खतरा है। मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद बमोरी क्षेत्र में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। बुधवार और गुरुवार को रिमझिम बारिश के अलावा कोई भारी वर्षा नहीं हुई। हालांकि प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर सेना, NDRF और SDERF की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा है। क्षेत्र के प्रमुख जलाशय कलोरा तालाब में पानी का स्तर कम होने लगा है, लेकिन अभी भी इसमें पानी की आवक जारी है। स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा रही है। सोडा गांव में फंसे 100 ग्रामीण बमोरी तहसील के पाटी पंचायत स्थित सोडा गांव में पार्वती नदी की दो धाराओं के बीच फंसे 100 से अधिक ग्रामीणों को बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ, और एसडीईआरएफ की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। यह गांव पार्वती नदी के तेज बहाव के कारण हर साल बाढ़ की चपेट में आ जाता है, जिससे यहां के निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, इस बार अभी गांव तक पानी नहीं आया है, लेकिन प्रशासन को आशंका है कि अगर पार्वती नदी में पानी बढ़ता है, तो गांव में पानी घुस सकता हैं। इसलिए सावधानी के तौर पर प्रशासन ग्रामीणों को रेस्क्यू कर रहा है। गुरुवार दोपहर 2 बजे तक सेना की टीम पार्वती नदी में उतरी और ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने की मशक्कत शुरू की गई। प्रशासन की ओर से तहसीलदार देवदत्त गोलिया, नायब तहसीलदार जयप्रकाश गौतम और मुख्य कार्यपालन अधिकारी पुष्पेंद्र व्यास सहित जनपद के कर्मचारी बचाव दल के साथ मौके पर मौजूद रहे और बचाव कार्यों में सहायता की गई। ग्रामीणों ने नाव से जाने से इनकार किया, आज करेंगे एयरलिफ्ट सेना ने नाव के जरिए ग्रामीणों को रेस्क्यू करने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने नाव से जाने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि वह नाव से नहीं जाएंगे, उन्हें एयरलिफ्ट किया जाए। ऐसे में गुरुवार को उनका रेस्क्यू नहीं हो पाया। आज उन्हें एयरलिफ्ट किया जाएगा। कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि ग्वालियर, भोपाल में हेलीकॉप्टर के लिए बात की गई है। शुक्रवार को सोडा गांव के नागरिकों को एयरलिफ्ट किया जाएगा। कोशिश यही रहेगी कि इन्हें एयरलिफ्ट कर हमीरपुर गांव तक ले आया जाए। यह तीसरी बार है जब सोडा गांव के लोगों को बाढ़ से बचाया जा रहा है। वर्ष 2022-23 की बारिश में भी इस गांव के लोगों को सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से रेस्क्यू कर राजस्थान में एक कैंप में रखा गया था। इसी तरह, वर्ष 2023-24 में भी बाढ़ आने पर ग्रामीणों को सोडा से रेस्क्यू कर फतेहगढ़ में बनाए गए कैंप में स्थानांतरित किया गया था। तत्कालीन कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. ने ग्रामीणों को हर साल की इस समस्या से बचने के लिए गांव छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थान पर बसने की सलाह दी थी। हालांकि, ग्रामीणों ने प्रशासन की बात नहीं मानी और फिर से इसी टापू पर बस गए, जिसके परिणामस्वरूप वे एक बार फिर बाढ़ में फंस गए हैं। प्रभारी मंत्री, PCC चीफ पहुंचेंगे गुना आज जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत गुना पहुंचेंगे। वे अतिवृष्टि से प्रभावित इलाकों का जायजा लेंगे। प्रभारी मंत्री शाम 4 बजे गुना पहुंचेंगे। वहीं PCC चीफ जीतू पटवारी भी आज दोपहर गुना पहुंच रहे हैं। पटवारी पहले शहरी क्षेत्र में अतिवृष्टि से प्रभावित कॉलोनियों। का दौरा करेंगे। इसके बाद वे शाम को फतेहगढ़ और बमोरी इलाके में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। यहां से वे रूठियाई होते हुए भुलाए गांव पहुंचेंगे। वहां से भोपाल के लिए रवाना हो जाएंगे।