
मंदसौर में साइबर ठगों ने शादी के नाम पर एक व्यापारी परिवार को शिकार बनाया। मेट्रिमोनियल साइट पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर आरोपियों ने कुल 2 लाख 66 हजार रुपए की ठगी कर ली। मामला शहर की कोतवाली थाने में दर्ज हुआ है। फरियादी ने कोतवाली थाने में दर्ज शिकायत में बताया कि उन्होंने अपनी बहन की शादी के लिए एक मेट्रिमोनियल साइट पर प्रोफाइल बनाई थी। 20 जनवरी 2025 को अर्जुन वर्मा सोनी नाम से रिक्वेस्ट आई। रिक्वेस्ट स्वीकार करने के बाद बातचीत शुरू हुई। अर्जुन ने खुद को जयपुर के मालवीय नगर का निवासी बताया। कहा कि वह DRDO में कार्यरत है, पिता रमणिकलाल रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर हैं, मां उषा मजिस्ट्रेट और बहन हर्षिता न्यूरोलॉजिस्ट है जो उदयपुर में रहती है। पिता को अस्पताल में बताकर मांगे रुपए
2 मार्च 2025 को अर्जुन ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ मंदसौर आ रहे हैं, इधर लड़की वाले मेहमान के स्वागत की तैयारी कर ही रहे थे। इसी दौरान अर्जुन ने उन्हें फोन कर बताया कि वह मंदसौर के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते में निकुंभ चौराहे के पास उसके पिता की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें गीतांजलि हॉस्पिटल ले जाया गया। बाद में उसने बताया कि डॉक्टर ने ब्रेन स्ट्रोक की बात कही है और उन्हें दिल्ली आर्मी अस्पताल रेफर कर दिया गया। 9 मार्च को अर्जुन ने अस्पताल में पैसों की जरूरत बताई। फरियादी ने पहले 35 हजार रुपए ट्रांसफर किए, जो 3 दिन बाद लौटा दिए गए। इसके बाद अलग-अलग समय पैसों की जरूरत होने का हवाला देकर 51 हजार, 1.20 लाख, 40 हजार, 15 हजार, 45 हजार, 15 हजार और 25 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए। कुल 3.81 लाख रुपए दिए गए, जिनमें से 1.15 लाख रुपए वापस लौटाए गए। इस तरह 2.66 लाख रुपए की ठगी हुई। फर्जी फोटो भी इस्तेमाल किया
9 मार्च से 1 जुलाई तक 18 बार पैसे का लेन-देन हुआ। इसके बाद फरियादी को शक हुआ और पुलिस में शिकायत की। जांच में सामने आया कि अर्जुन जो फोटो भेज रहा था, वह शिवम सहगल नाम के युवक की थी, जिसे इंस्टाग्राम से लिया गया था। 18 बार लेन-देन, 5 मोबाइल नंबर धारक आरोपी टीआई पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि फरियादी पक्ष की पहचान उजागर किए बिना कहा कि मेट्रिमोनियल साइट पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर ठगी की गई है। 318(4) BNS और 420 की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने 5 मोबाइल नंबर धारकों को आरोपी बनाया है। ट्रांजेक्शन 4 खातों में हुआ है, जिसकी जांच जारी है। मोबाइल नंबरों को ट्रेस करने साइबर सेल को भेजा गया है।