
जिले में पटवारियों के स्थानांतरण को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अतुल चौहान ने प्रशासन पर भाजपा नेताओं के दबाव में कार्य करने का आरोप लगाया है। चौहान ने बताया कि तबादला आदेश जारी होने के तुरंत बाद कुछ पटवारियों को वापस बुला लिया गया। भाजपा के कुछ नेता पिछले कुछ दिनों से भोपाल में डेरा डाले हुए थे। इन नेताओं का उद्देश्य अपने हित में तबादले करवाना था। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने दावा किया कि जिन पटवारियों का तबादला किया गया, वे भाजपा नेताओं के संरक्षण में कार्यरत थे। ये पटवारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामलों में संलिप्त थे। इन कब्जों की सुरक्षा के लिए स्थानांतरण किए गए। चौहान ने स्थानांतरण प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक निर्णय राजनीतिक दबाव से मुक्त होने चाहिए। इस बयान के बाद जिले में राजनीतिक गतिविधियां सक्रिय हो गई हैं। इन पटवारियों के ट्रांसफर पर उठे सवाल इन पटवारियों के तबादलों में हुआ बदलाव अमिता शिवहरे को तहसील विजयपुर में भेजा गया है।
बुद्धी प्रकाश जाटव का तबादला रद्द कर उन्हें फिर से तहसील कराहल में ही रखा गया है। सुमित देशलहरा का भी तबादला रद्द कर कराहल में ही यथावत पदस्थ किया गया है। गजानंद समाधिया को तहसील बड़ौदा के हल्का नंबर 24, कस्बा बड़ौदा में पदस्थ किया गया है। दीपेन्द्र सिंह जादौन को तहसील श्योपुर से स्थानांतरित कर तहसील कराहल भेजा गया है। रामजीलाल सगर को बीरपुर से श्योपुर तहसील में भेजा गया है। इनका कहना है…
कांग्रेस पूर्व में तबादला उद्योग चलाती थीं, इसलिए उसे शासकीय आदेश भी तबादला उद्योग ही लगता है। ये कांग्रेस कि ही संस्कृति रही होंगी।
शशांक भूषण जिलाध्यक्ष भाजपा श्योपुर