
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने 1319 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय रोक दिया है। यह कार्रवाई फेस रिकगनाइजेशन सिस्टम (एफआरएस) पर लाभार्थियों का डेटा फीड नहीं करने के कारण की गई है। एक जुलाई से पोषाहार वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए एफआरएस को अनिवार्य किया गया है। जिले के कुल 3930 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 1319 केंद्रों की कार्यकत्रियों ने अभी तक इस सिस्टम पर काम शुरू नहीं किया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को केंद्र पर पंजीकृत सभी लाभार्थियों का चेहरा प्रमाणीकरण के लिए डेटा फीड और ई-केवाईसी करना है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जब तक कार्यकत्री एफआरएस पर लाभार्थियों का डेटा फीड नहीं करेंगी, तब तक उनका मानदेय रोका रहेगा। नियमित समीक्षा होगी
एफआरएस की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी। अपेक्षित प्रगति न होने पर बाल विकास परियोजना अधिकारियों को भी चेतावनी जारी की जाएगी। यह नई व्यवस्था जुलाई माह से लागू की गई है।