
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कन्नौज सांसद डिंपल यादव के संसद परिसर स्थित मस्जिद में जाने को लेकर छिड़ा विवाद अब लखनऊ की सियासत में भी गरमा गया है। भाजपा नेताओं की ओर से तीखे आरोपों और माफी की मांग के बीच सपा कार्यकर्ता भी मैदान में उतर आए हैं। शुक्रवार को सपा कार्यालय के बाहर पार्टी कार्यकर्ता मोहम्मद इकलाख द्वारा एक पोस्टर लगाया गया, जो भाजपा नेताओं को सीधा सियासी जवाब माना जा रहा है। इस पोस्टर में अखिलेश यादव के व्यक्तित्व और पार्टी की धार्मिक सोच को रेखांकित करते हुए लिखा गया,”अखिलेश हैं वो जो नफरत का सौदा नहीं करते,मंदिर-मस्जिद को सियासत से जोड़ा नहीं करते।तुम्हारे लिए इबादत भी सियासी मैदान है,हमारे लिए मजहब मोहब्बत की पहचान है।” इस पोस्टर के जरिए समाजवादी पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह धर्म को राजनीति से अलग मानती है और भाजपा द्वारा इस मुद्दे को बेवजह तूल दिया जा रहा है। भाजपा नेताओं ने किया विरोध वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं का आरोप है कि सपा सांसदों का मस्जिद जाना एक सुनियोजित सियासी स्टंट था और इससे लोकतांत्रिक मर्यादाएं टूटी हैं। कई भाजपा नेताओं ने डिंपल यादव से सार्वजनिक माफी की मांग की है। सपा का पलटवार समाजवादी पार्टी का कहना है कि सांसदों का मस्जिद जाना न तो पहला मौका है और न ही इसमें कोई राजनीतिक मंशा थी। पार्टी का दावा है कि भाजपा इस विषय को ध्रुवीकरण की राजनीति के तहत हवा दे रही है।इस पोस्टर के सामने आने के बाद लखनऊ में सियासी पारा और चढ़ गया है।